भोजन बनाने की तैयारी में जगन्नाथ और बलराम जी लकड़ियाँ जलाने में असफल रहे। भूख से दुर्बल दोनों भाई धुएँ से परेशान होकर बाहर निकले और अंततः भिक्षा में पका भोजन लेने का निर्णय किया।"
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lovely song in lyrics edit by Akash for love story and stutas.... . . 💝❤️💝❤️💝💝❤️
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कुछ गाने गजलों को सुनकर मन को बहुत सुकून मिलता है
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ganesh Jay shree ram
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अपनी मुट्ठी खोलता है और वे उत्तम पदार्थों से तृप्त होते हैं।