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Chhorii 2021 Hindi Full HD

26 مناظر· 30 اکتوبر 2025
Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
21 سبسکرائبرز
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⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: छोरी (Chhorii)
रिलीज़: 2021
शैली (Genre): हॉरर, थ्रिलर, सोशल ड्रामा
मुख्य कलाकार: नुसरत भरुचा (साक्षी), मीता वशिष्ठ (भन्नो देवी)
निर्देशक: विशाल फुरिया

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
यह कहानी साक्षी (नुसरत भरुचा) और उसके पति हेमंत की है। साक्षी आठ महीने की गर्भवती है। हेमंत ने कुछ लोगों से बहुत ज़्यादा पैसा उधार लिया होता है और वे लोग उन्हें धमका रहे होते हैं। अपनी और अपने अजन्मे बच्चे की जान बचाने के लिए, वे दोनों शहर छोड़कर भाग जाते हैं।
गाँव में आगमन
हेमंत का ड्राइवर, काजला, उन्हें अपनी जान-पहचान वालों के पास एक दूर-दराज के गाँव में ले जाता है। यह गाँव गन्ने के बड़े-बड़े खेतों के बीच में है। वे एक बूढ़े जोड़े, भन्नो देवी और उनके पति, के घर में पनाह लेते हैं। भन्नो देवी एक दाई (midwife) हैं और वह साक्षी की देखभाल करने लगती हैं।
अजीब घटनाएँ
जल्द ही, साक्षी को उस घर और गाँव में कुछ अजीब महसूस होने लगता है। उसे गन्ने के खेतों में तीन छोटे बच्चे दिखाई देते हैं, जो उसे डराते हैं। उसे एक पुरानी, जली हुई सी साड़ी पहने एक औरत (जिसे 'छोटी माई' कहा जाता है) का भूत दिखाई देने लगता है।
भन्नो देवी उसे बताती हैं कि यह सब उसका वहम है, जो गर्भावस्था में हो जाता है। वह साक्षी को घर के चारों ओर एक 'लक्ष्मण रेखा' खींचकर देती है और उसे उस घेरे से बाहर न निकलने की चेतावनी देती है।
राज का खुलासा
साक्षी को धीरे-धीरे उस घर के रहस्य पता चलने लगते हैं:
तीन बच्चे: वे तीन बच्चे असल में भन्नो देवी के तीन बेटे थे, जो पैदा होते ही मर गए थे।
छोटी माई (भूत): भन्नो देवी की एक बहू थी (काजला की पत्नी), जो गर्भवती थी। भन्नो देवी के पति और बेटों ने उस बहू के पेट में बेटी होने के शक में उसे मार दिया था। वही औरत अब 'छोटी माई' का भूत बनकर भटक रही है।
खतरनाक परंपरा: साक्षी को पता चलता है कि यह पूरा गाँव एक भयानक परंपरा का शिकार है। वे लोग बेटियों को जन्म लेते ही मार देते हैं (कन्या भ्रूण हत्या और शिशु हत्या)।
असली मक़सद
कहानी का सबसे बड़ा मोड़ तब आता है जब साक्षी को पता चलता है कि हेमंत और काजला उसे यहाँ जानबूझकर लाए थे। हेमंत ने गाँव वालों के साथ एक सौदा किया था। गाँव का मानना था कि अगर वे एक गर्भवती औरत (जिसके पेट में बेटा हो) की बलि चढ़ाएंगे, तो उनके गाँव का 'श्राप' (छोटी माई का भूत) खत्म हो जाएगा और उनके खेतों में फिर से फसल उगने लगेगी। हेमंत को इसके बदले पैसे मिलने वाले थे।
भन्नो देवी, जो शुरू में साक्षी की देखभाल करती दिख रही थी, असल में इस पूरी साज़िश की मुखिया थी। वह साक्षी के बच्चे के पैदा होने का इंतज़ार कर रही थी ताकि वे उसकी बलि दे सकें।
क्लाइमेक्स (अंत)
साक्षी को प्रसव पीड़ा (लेबर पेन) शुरू हो जाती है। भन्नो देवी उसकी डिलीवरी कराती है। साक्षी एक बेटी को जन्म देती है।
जैसे ही भन्नो देवी उस बच्ची को मारने के लिए उठाती है, 'छोटी माई' का भूत वहाँ आ जाता है। भन्नो देवी को अपनी गलती का एहसास होता है कि उसने भी एक औरत होकर दूसरी औरतों के साथ इतना गलत किया। भूत भन्नो देवी और उसके पति को मार देता है।
अंत
सुबह होती है। साक्षी अपनी नवजात बेटी को गोद में लेकर उस घर से बाहर निकलती है। वह गन्ने के खेतों के बीच से अकेली चली जाती है। खेतों में उसे वे तीन बच्चे फिर से दिखते हैं, लेकिन इस बार वे मुस्कुरा रहे होते हैं, मानो वे भी आज़ाद हो गए हों।
यह फ़िल्म हॉरर के साथ-साथ 'कन्या भ्रूण हत्या' जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दे को बहुत पुरज़ोर तरीके से उठाती है।

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Nidhi Sahu
Nidhi Sahu پہلے 1 مہینہ

good movie

2    0 جواب دیں۔
kedarSeekerSanatanSanskar
kedarSeekerSanatanSanskar پہلے 1 مہینہ

👌👌👌🙏

1    0 جواب دیں۔
Rohit Choudhary
Rohit Choudhary پہلے 1 مہینہ

Dhanywad Bhai sahab

   1    0
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