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Thamma New Movie 2025

7 Vues· 01 Novembre 2025
Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
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Dans Films

⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: थम्मा (Thamma)
रिलीज़: 21 अक्टूबर 2025
शैली (Genre): हॉरर-कॉमेडी, रोमांटिक-थ्रिलर
निर्देशक: आदित्य सरपोतदार (जिन्होंने 'मुंज्या' भी निर्देशित की थी)
मुख्य कलाकार:
आयुष्मान खुराना (आलोक गोयल)
रश्मिका मंदाना (ताड़का / तारिका)
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी (यक्षसन, मुख्य विलेन)
परेश रावल (आलोक के पिता)
कैमियो (विशेष उपस्थिति):
वरुण धवन (भेड़िया/भास्कर के रूप में)
अभिषेक बनर्जी (जनार्दन/जाना के रूप में)
सत्यराज (तांत्रिक प्रभाकर के रूप में)

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
यह कहानी भारतीय लोककथाओं के 'बेताल' (Vampire) पर आधारित है।
भाग 1: आलोक और ताड़का की मुलाकात
आलोक गोयल (आयुष्मान खुराना) दिल्ली का एक पत्रकार है। वह ट्रैकिंग के लिए एक जंगल में जाता है जहाँ उस पर एक भालू हमला कर देता है। तभी एक रहस्यमयी लड़की ताड़का (रश्मिका मंदाना) उसकी जान बचाती है।
आलोक को पता चलता है कि वह 'बेताल' (पिशाचों) की दुनिया में फँस गया है। ये बेताल इंसानी खून नहीं पीते, क्योंकि उन्होंने सदियों पहले इंसानों की क्रूरता देखकर ऐसा न करने की कसम खाई थी। ताड़का उसे वापस दिल्ली भेज देती है, लेकिन आलोक उसे अपने साथ दिल्ली ले आता है और उसका नाम 'तारिका' रख देता है।
भाग 2: मुख्य विलेन 'यक्षसन'
बेताल कबीले का पुराना और सबसे शक्तिशाली लीडर 'थम्मा' (जिसका असली नाम यक्षसन है, जिसे नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने निभाया है) इस नियम के खिलाफ था। वह इंसानों का खून पीना चाहता था, इसलिए उसे एक शापित गुफा में कैद कर दिया गया था।
भाग 3: आलोक का बदलना
दिल्ली में, आलोक के पिता (परेश रावल) को तारिका के अजीब व्यवहार (जैसे सिर्फ नॉन-वेज खाना) पर शक होता है। एक रात, कुछ गुंडे आलोक और तारिका का पीछा करते हैं और उन पर हमला कर देते हैं। अपनी जान बचाने के लिए तारिका अपने बेताल रूप में आकर उन्हें मार देती है।
बाद में, एक एक्सीडेंट में आलोक की मौत हो जाती है। उसे बचाने के लिए, ताड़का मजबूरन अपनी शक्तियों से आलोक को भी 'बेताल' बना देती है।
भाग 4: भविष्यवाणी और क्लाइमेक्स
बेताल लोक में एक नियम है कि अगर कोई बेताल किसी इंसान को बेताल में बदलता है, तो उसे सज़ा के तौर पर कैद में जाना होगा। ताड़का के ऐसा करते ही, दुष्ट 'यक्षसन' गुफा से आज़ाद हो जाता है।
आलोक को तांत्रिक प्रभाकर (सत्यराज) और जाना (अभिषेक बनर्जी) से पता चलता है कि उसे यक्षसन को हराने के लिए 'भेड़िया' (वरुण धवन) के खून की ज़रूरत होगी।
क्लाइमेक्स में, आलोक और भास्कर (भेड़िया) के बीच लड़ाई होती है। भेड़िया के खून की सिर्फ एक बूँद से आलोक को नई हाइब्रिड शक्तियाँ मिल जाती हैं। वह बेताल लोक वापस जाता है और यक्षसन को एक भीषण लड़ाई में हराकर उसे वापस गुफा में कैद कर देता है। आलोक अब बेताल कबीले का नया 'थम्मा' (लीडर) बन जाता है।
अंत (Post-Credit):
यक्षसन गुफा में कैद है, लेकिन 'स्त्री 2' का 'सरकटा' (बिना सिर वाला भूत) उसे आज़ाद करने के लिए आता है, जो अगली फिल्म का संकेत देता है।

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